*🌷🌺#मेषलग्न में #विशेष_राजयोग🌺🌷* १. #मेषलग्न हो और सूर्य लग्न में अर्थात प्रथम भाव में,गुरु नवम भावगत हो,मंगल दशम भाव में तथा शनि एकादश भाव में हो तो,विशेष राजयोग होता है। २. #मेषलग्न में, लग्न में सूर्य, गुरु चतुर्थ भाव,शनि सप्तम भाव और मंगल दशम भावगत हो तो प्रबल राजयोग का सृजन होता है। ३. #मेषलग्न में सूर्य लग्नस्थ तथा गुरु+चन्द्रमा की युति चतुर्थ भाव में हो तो राजयोग बनता है। ४. #मेषलग्न में सूर्य, चन्द्रमा ४ थे भाव में, शनि ७ वे भाव में होतो,प्रबल राजयोग होता है। ५. #मेषलग्न में सूर्य लग्न में, चतुर्थ भाव में चन्द्रमा तथा १० वे भाव में मंगल हो तो, विशिष्ट राजयोग होगा। ६. #मेषलग्न में सूर्य लग्न में २ रे भाव में चन्द्रमा ५ वे भाव में गुरु हो, ८ वे भाव में मंगल हो, तथा ११ वे भाव में शनि होतो, अतिविशिष्ट राजयोग का सृजन होगा। ७. #मेषलग्न में यदि प्रथम भाव में ही सूर्य हो, ३ रे भाव में बुध, ५ वे भाव में गुरु तथा ८ वे भाव में मंगल हो तो, राजयोगकारी होता है। ८. #मेषलग्न में यदि १२ वे भाव में शुक्र हो तो,यह शुक्र उस जातक को उच्चस्तरीय धनवान बनाता है, तथा मनोवांछित स्त्री को देने वाला ह...